Arvind Kejriwal News: Kejriwal को बेल देते समय क्या हुआ ASG राजू ने हाईकोर्ट को बताया |
ASG एसवी राजू ने कहा कि उन्हें कोर्ट में दलील देने के लिए समय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि इतना कम समय था कि वह लिखित अर्जी भी नहीं दे सके.
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (21 जून, 2024) को मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की जमानत पर रोक लगा दी है. एक दिन पहले ही रात आठ बजे राउज एवेन्यू कोर्ट ने Arvind Kejriwal को एक लाख के निजी मुचलके और कुछ शर्तों के साथ बेल दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दी थी. ईडी के वकील ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के सेक्शन 45 का जिक्र करते हुए कहा कि यह सेक्शन पब्लिक प्रोसेक्यूटर को जमानत पर रोक का अधिकार देता है, लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट की तरफ से इसका मौका नहीं दिया गया.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ASG राजू ने कहा कि पीएमएलए के सेक्शन 45 के तहत पब्लिक प्रोसेक्यूटर को जमानत पर रोक लगाने के लिए अर्जी देने का अधिकार है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है. पब्लिक प्रोसेक्यूटर की अर्जी खारिज कर दी गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के उस आग्रह को खारिज कर दिया था, जिसमें जमानत पर 48 घंटे की रोक लगाने की मांग की गई थी.
ASG राजू ने कहा, ‘मैं जमानत पर रोक लगाने का अनुरोध करता हूं. कल रात जमानत का आदेश दिया गया था, लेकिन कोर्ट की वेबसाइट पर अब तक इसे अपलोड नहीं किया गया है. हमें जमानत पर स्टे के लिए आग्रह करने का भी मौका नहीं दिया गया. Arvind Kejriwal के वकील की तरफ से बहस भी पूरी नहीं की गई और मुझे आधे घंटे के अंदर जल्दी-जल्दी दलील देने का निर्देश दिया गया. मेरे पास इतना कम समय था कि लिखित अर्जी भी नहीं दे सका. यह अस्वीकार्य है.’
किन शर्तों के साथ Arvind Kejriwal को मिली थी जमानत?
Arvind Kejriwal के वकील ऋषिकेश कुमार ने बताया कि एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. उन्होंने कहा, ‘राउज एवेन्यू कोर्ट ने रात के आठ बजे बेल का ऑर्डर जारी किया गया. शुक्रवार सुबह जमानत की कार्रवाई पूरी की जाएगी और दोपहर बाद Arvind Kejriwal जेल से बाहर आ जाएंगे. यह देश और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए एक बहुत बड़ी जीत है.’
कोर्ट ने जमानत के साथ यह भी शर्त लगाई है कि Arvind Kejriwal जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. उन्हें यह भी निर्देश दिया गया कि वह जांच में सहयोग करेंगे और जब भी जरूरी होगा वह कोर्ट में पेश होंगे.
अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट से खाने-पीने और पत्नी से मुलाकात को लेकर कुछ रियायतें मांगी थीं. इस पर जस्टिस अमिताभ रावत ने उन्हें पांच चीजों की छूट दे दी. इसमें घर का खाना, पत्नी सुनीता केजरीवाल और वकील से हर रोज मुलाकात और श्रीमद्भगवद गीता उपलब्ध कराए जाने समेत पांच चीजों की रियायत दी गई थी.
जेल में अरविंद केजरीवाल को किन चीजों की मिली रियायत
- केजरीवाल जेल में अपनी दवाएं ले सकते हैं
- वह अपना चश्मा रख सकते हैं
- अरविंद केजरीवाल जेल में घर से लाया हुआ खाना खा सकते हैं
- केजरीवाल हर दिन अपनी पत्नी और वकील से एक घंटे के लिए मिल सकत हैं
- जेल में केजरीवाल को श्रीमद्भगवद गीता उपलब्ध कराए जाने की अनुमति दी गई
सीबीआई ने क्यों मांगी अरविंद केजरीवाल की कस्टडी
सीबीआई ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की कस्टडी की अपील करते हुए दलील दी कि अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी के दौरान आबकारी नीति की फाइल जल्दबाजी में आगे बढ़ाई थी. सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया, ‘दिल्ली में कोविड से मौतें हो रही थीं. इसी दौरान आबकारी नीति से संबंधित फाइल को जल्दबाजी में आगे बढ़ा दिया गया. सीएम केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार ने भी बताया कि मुख्यंत्री ने इच्छा जताई थी कि आबकारी नीति के मसौदे पर मंत्री परिषद तुरंत परमीशन देकर आगे बढ़ाए.’
सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया, ‘विभव कुमार ने गेस्ट हाउस बुक कराया था, जहां साउथ ग्रुप के सदस्यों की मीटिंग हुई थी. आरोपियों की मिलीभगत की पुष्टि इस बात से भी होती है कि सह-आरोपी बुच्चीबाबू, अभिषेक बोइनपल्ली और अरुण आर. 20 मई, 2021 को चार्टेड फ्लाइट से दिल्ली आए थे और 21 मई को नई दिल्ली के क्लेरिजेज होटल के पास गौरी अपार्टमेंट की उत्तम गैल्वा कंपनी के गेस्ट हाउस में आरोपी विजय नायर, दिनेश अरोड़ा और दिल्ली के कुछ शराब कारोबारियों के साथ बैठक की थी. बैठक उसी गेस्ट हाउस में हुई थी, जिसे सीएम के निजी सचिव विभव कुमार ने बुक करवाया था.’ सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया कि वह चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्हें अब गिरफ्तार किया गया.